इंडिगो संकट के बाद बड़ा फैसला: तीन नई एयरलाइंस लॉन्च, 2026 से उड़ानें शुरू? जानें कैसे बदल जाएगा भारतीय आसमान
इंडिगो संकट के बाद केंद्र सरकार ने अल हिंद एयर, फ्लाई एक्सप्रेस और शंख एयर को मंजूरी दी। 2026 में संचालन शुरू होने की उम्मीद है। इससे यात्रियों को विकल्प बढ़ेंगे और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी।
- सरकार ने तीन नई एयरलाइंस को एनओसी दिया, 2026 में शुरुआत संभव
- इंडिगो संकट के बाद घरेलू उड़ानों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की कोशिश
- अल हिंद एयर, फ्लाई एक्सप्रेस और शंख एयर अलग-अलग मॉडल पर काम करेंगी
- टूरिज्म, कार्गो और धार्मिक कनेक्टिविटी को नए स्तर पर ले जाने की तैयारी
नई दिल्ली, 25 दिसंबर 2025 (NFLSpice News)। भारतीय विमानन क्षेत्र में लंबे समय से महसूस की जा रही प्रतिस्पर्धा की कमी अब बदलती दिखाई दे रही है। इंडिगो संकट के बाद पैदा हुए अविश्वास और विकल्पों की कमी के माहौल में केंद्र सरकार ने तीन नई एयरलाइंस को हरी झंडी देकर घरेलू उड़ानों में नए अध्याय की शुरुआत कर दी है। यह फैसला न सिर्फ यात्रियों को राहत देगा बल्कि भारत के क्षेत्रीय हवाई नेटवर्क को भी नई गति देगा।
सरकार की मंजूरी के बाद अल हिंद एयर, फ्लाई एक्सप्रेस और शंख एयर अब डीजीसीए से एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट का इंतज़ार कर रही हैं। अनुमानों के मुताबिक, यदि सब कुछ तय समय पर होता है तो 2026 में ये कंपनियां अपनी पहली उड़ानें शुरू कर देंगी। इससे घरेलू रूट्स पर नई एनर्जी दिखाई दे सकती है और लंबे समय से एकाधिकार की स्थिति का दबाव झेल रहे यात्रियों को नए विकल्प मिलेंगे।
इंडिगो संकट के बाद सरकार की तेज़ कार्रवाई
पिछले महीने इंडिगो की अचानक एक के बाद एक उड़ानों के रद्द होने से हजारों यात्री फंसे थे। एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी और टिकट रिफंड को लेकर बढ़ी शिकायतों ने सरकार को मजबूर किया कि प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और सिस्टम को मजबूत करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। यही वजह है कि तीन नए एयरलाइन प्रोजेक्ट्स को रिकॉर्ड समय में नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी किए गए।
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दक्षिण भारत को नया हब: कोच्चि से उड़ान भरेगी अल हिंद एयर
अल हिंद एयर केरल के कोच्चि से अपने शुरुआती ऑपरेशन शुरू करने की तैयारी में है। यह एयरलाइन एटीआर 72-600 विमान उपयोग करेगी और छोटे शहरों को मुख्य एयरपोर्ट्स से जोड़ने पर फोकस रखेगी। पर्यटन, छोटे व्यवसाय और रोज़गार पर इसका असर सबसे पहले महसूस होगा। स्थानीय निवेशकों की मानें तो यह कदम केरल को दक्षिण भारत के हवाई नेटवर्क का नया केंद्र बना सकता है।
हैदराबाद से कार्गो की नई रफ्तार: फ्लाई एक्सप्रेस
फ्लाई एक्सप्रेस का मॉडल बाकी दो एयरलाइंस से थोड़ा अलग है। यह कंपनी कार्गो और पैकेज लॉजिस्टिक्स को प्राथमिकता देने जा रही है। छोटे व्यापारियों और ऑनलाइन व्यवसाय चलाने वालों को इससे सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि कार्गो नेटवर्क तेज होगा तो ई-कॉमर्स सेक्टर में लागत कम हो सकती है और क्षेत्रीय मार्केट तेजी से बढ़ सकते हैं।
यूपी के आसमान में नई उम्मीद: शंख एयर
शंख एयर उत्तर प्रदेश से ऑपरेट करेगी और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को हब बनाते हुए धार्मिक और सांस्कृतिक शहरों तक कनेक्टिविटी बढ़ाएगी। अयोध्या, वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर जैसे शहरों की सीधी कनेक्टिविटी बढ़ने से पर्यटन, होटल इंडस्ट्री और रिटेल सेक्टर को फायदा हो सकता है। स्थानीय प्रशासन इसे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में लंबे समय का निवेश मान रहा है।
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यात्रियों के लिए राहत और उद्योग के लिए चुनौती
तीन नई एयरलाइंस का आगमन जहां एक ओर विकल्प बढ़ाएगा, वहीं मौजूदा कंपनियों पर सेवा गुणवत्ता और किराया स्थिर रखने का दबाव भी बढ़ाएगा। हालांकि यह भी स्पष्ट है कि शुरुआती महीनों में नए बेड़े, पायलट उपलब्धता और इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते चुनौतियां सामने आ सकती हैं।
फिलहाल नजरें अब डीजीसीए के अगले फैसले और तीनों एयरलाइंस की पहली निर्धारित उड़ानों पर टिकी हैं। क्या ये कंपनियां भारतीय आसमान में सफलता की नई इबारत लिख पाएंगी? यह सवाल आने वाला साल तय करेगा, मगर इतना तय है कि देश की विमानन कहानी अब एक मोड़ पर खड़ी है।
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