Haryana  News: हरियाणा में हवा फिर जहरीली, AQI 313 पर पहुंचा – बाहर निकलोगे तो आंखें जलेंगी, गला खराब हो जाएगा!

Saloni Yadav

Haryana News: हरियाणा के लोग दो दिन की राहत के बाद फिर मुसीबत में फंस गए हैं। रविवार को औसत AQI 313 तक चढ़ गया, जो रेड जोन में है। यानी हवा इतनी गंदी कि सांस लेना भी दूभर। पहले दो दिन येलो और ऑरेंज कैटेगरी में थी! सब सोच रहे थे चलो ठीक हो रहा है लेकिन अचानक धूल के बादल ने सब बिगाड़ दिया। लोग बता रहे हैं – आंखों में जलन, सांस फूलना, गले में खराश, बच्चे और बुजुर्ग तो घर से निकल ही नहीं पा रहे। और हां ये सिर्फ बातें नहीं, असल आंकड़े बता रहे हैं कि नवंबर की शुरुआत में ही प्रदूषण ने कमर तोड़ दी है।

धूल ने बना दिया आसमान ग्रे! सड़कें ऐसी कि ट्रक गुजरते ही उड़ती है रेत

सबसे बड़ा विलेन तो सड़कों की धूल निकली। पराली जलाने की खबरें तो इस बार कम आईं लेकिन दिल्ली की बॉर्डर पर टिकरी और झरोदा जैसी जगहों पर सड़कें महीनों से गंदी पड़ी हैं। वाहन चलते हैं तो धूल के गुबार उठते हैं जैसे कोई धूल भरी आंधी आ गई हो। लोग कह रहे हैं – “भाई बाहर निकलो तो मुंह ढककर, नहीं तो फेफड़े भर जाएंगे मिट्टी से।” बोर्ड वाले पानी छिड़क रहे हैं, नगर परिषद की गाड़ियां घूम रही हैं लेकिन हर गली-मोहल्ले तक पहुंच नहीं पा रही। कुछ इलाकों में तो रोज पानी डालते हैं, कुछ में हफ्ते में एक बार। नतीजा? हवा अभी भी जहरीली। विशेषज्ञ बोल रहे हैं कि ठंड बढ़ने से हवा रुक जाती है, प्रदूषक कण नीचे ही लटके रहते हैं।

पिछले हफ्ते का रोलरकोस्टर! AQI ने ऐसे खेला लोगों के साथ

देखो अब जरा पिछले छह-सात दिनों का हिसाब – 28 अक्टूबर को 347, फिर 269 पर गिरा, 30 को फिर 344, 31 को राहत देकर 153, एक नवंबर को 253 और दो नवंबर को सीधे 313! मतलब हर दिन सरप्राइज। लोग कहते हैं – “सुबह उठो तो सोचो आज सांस लेंगे या नहीं।” गुरुग्राम में तो 165 तक रहा, लेकिन करनाल जैसे इलाकों में कभी-कभी 800 के पार चला गया। मौसम वाले बता रहे हैं कि हवा की स्पीड कम है, बारिश की उम्मीद है 4-5 नवंबर को, शायद थोड़ी राहत मिले।

दिल्ली बॉर्डर पर पुराने ट्रक रोके, हरियाणा के डेढ़ लाख वाहनों का क्या?

दिल्ली ने सख्ती दिखाई – BS-4 से नीचे के कार्गो वाहनों की एंट्री बंद! एक नवंबर से सिर्फ BS-6, CNG, EV या इलेक्ट्रिक वाले ही अंदर। हरियाणा से आने वाले डेढ़ लाख ट्रक-टेम्पो प्रभावित। बॉर्डर पर पुलिस और ट्रांसपोर्ट वाले चेक कर रहे हैं, कुछ पुराने ट्रैक्टर रोके गए। माल ढोने वाले परेशान – “भाई, नया वाहन कहां से लाएं?” लेकिन अच्छी बात ये कि अभी किसी को वापस नहीं भेजा। आने वाले दिनों में शायद असर दिखे, हवा थोड़ी साफ हो। केंद्र और राज्य मिलकर GRAP-4 चला रहे हैं लेकिन लोगों को अभी मास्क और प्यूरीफायर पर ही भरोसा।

ये सब देखकर सभी का मन दुखी होता है। बच्चे स्कूल जाते वक्त खांस रहे, बुजुर्ग घर में कैद। सरकार पानी डाल रही, गाड़ियां रोक रही लेकिन हम सबको भी मदद करनी होगी – कार पूल करो, पटाखे मत जलाओ, पेड़ लगाओ। बारिश आएगी तो थोड़ी सांस मिलेगी लेकिन असल बदलाव तो सब मिलकर लाएंगे। रहो सुरक्षित, मास्क लगाओ, और अपडेट के लिए जुड़े रहो!

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सलोनी यादव एक अनुभवी पत्रकार हैं जिन्होंने अपने 10 साल के करियर में कई अलग-अलग विषयों को बखूबी कवर किया है। उन्होंने कई बड़े प्रकाशनों के साथ काम किया है और अब NFL स्पाइस पर अपनी सेवाएँ दे रहा है। सलोनी यादव हमेशा प्रामाणिक स्रोतों और अपने अनुभव के आधार पर जानकारी साझा करती हैं और पाठकों को सही और विश्वसनीय सलाह देती हैं।