Jhansi Love Jihad: पड़ोसी से प्यार, भागकर शादी, फिर ससुराल की मारपीट से युवती की दर्दनाक मौत!

झांसी में मुस्लिम लड़की महक का हिंदू प्रेमी विवेक से लव मैरिज, फिर ससुराल की मारपीट से दर्दनाक मौत! मां का आरोप- बेटी की हत्या की गई, पुलिस जांच में बड़ा खुलासा। प्रेम विवाह की सच्ची कहानी जो रुला देगी।

Saloni Yadav
Jhansi Love Jihad: पड़ोसी से प्यार, भागकर शादी, फिर ससुराल की मारपीट से युवती की दर्दनाक मौत!

झांसी, 14 अक्टूबर 2025। उत्तर प्रदेश के झांसी शहर में एक ऐसी प्रेम कहानी का अंत हुआ है, जो दिल दहला देने वाला है। मुस्लिम लड़की और हिंदू लड़के की दोस्ती ने प्यार का रूप लिया, फिर लव मैरिज की, लेकिन डेढ़ साल बाद सब कुछ तबाह हो गया। 21 साल की महक की लाश उसके किराए के कमरे में फंदे पर लटकी मिली। ससुराल वाले इसे सुसाइड बता रहे हैं, लेकिन मायके वाले चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे हैं- ये हत्या है, बेटी को मार डाला गया। पुलिस ने पति को हिरासत में ले लिया है, जांच चल रही है। ये घटना झांसी के इमलीपुरा मोहल्ले से जुड़ी है, जहां धर्म की दीवारें टूटने के बाद भी परिवारों का गुस्सा न झूला।

दोस्ती से प्यार तक का सफर, फिर घर से भागना

झांसी के अलीगोल खिड़की मोहल्ले में रहने वाली महक बचपन से ही हंसमुख और सबके साथ घुलने-मिलने वाली लड़की थी। उसके पड़ोसी घर में विवेक अहिरवार का आना-जाना लगा रहता था। यहीं से दोनों की नजरें मिलीं, बातें हुईं, और धीरे-धीरे दोस्ती ने दिल की धड़कनें तेज कर दीं। समाज और धर्म की परवाह किए बिना दोनों ने फैसला लिया- साथ जीने-मरने का।

महक की मां गुड़िया बताती हैं, “7 मार्च 2024 को विवेक ने मेरी बेटी को भगा लिया। हमने कोतवाली में FIR कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। दो महीने बाद पता चला कि दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली है और इमलीपुरा में किराए का घर लेकर रहने लगे। शुरू में तो सब ठीक लग रहा था, लेकिन खुशियां ज्यादा दिन न रहीं।” ये कहानी न सिर्फ प्रेम विवाह की है, बल्कि समाज के दबाव और पारिवारिक कलह की भी, जो झांसी जैसे शहरों में अक्सर सुर्खियां बन जाती हैं।

ससुराल में पैसों की भूख, मारपीट और धमकियां

शादी के कुछ महीनों तक तो जीवन सामान्य चलता रहा, लेकिन फिर ससुराल पक्ष ने असली रंग दिखाना शुरू कर दिया। आरोप है कि विवेक और उसके परिवार वाले महक से बार-बार पैसे मांगने लगे। जब मांग पूरी न होती, तो गालियां, थप्पड़ और मानसिक तंगी का दौर शुरू हो जाता। गुड़िया की आंखें नम हो जाती हैं जब वो कहती हैं, “एक बार फ्रिज की डिमांड की। हमने मजदूरी करके पैसे जुटाए, सामान भिजवाया। लेकिन वो शांत न हुए। दो-दो बार तो विवेक ने महक को फंदे पर लटकाने की कोशिश की। जब हमें भनक लगी, तो बेटी को मायके बुला लिया। कई दिन यहां रही। विवेक वाले माफी मांगने आए, रोए-धोए। सोचा, अब तो सुधर जाएंगे, बेटी का घर बस जाएगा। इसलिए वापस भेज दिया। लेकिन गलती हो गई।”

महक डर के मारे कांप जाती थी। विवेक उसे धमकाता, “मायके वालों से मत जुड़ना, वरना यही हाल होगा।” ये सब सुनकर भी महक चुप रहती, क्योंकि प्यार की कसमें तो खाई थीं न। लेकिन आखिरकार वो कसमें मौत में बदल गईं।

परिवार मजदूरी पर, घर में मौत का साया

ट्रेजडी का ये मोड़ तो और भी दर्दनाक है। 9 अक्टूबर को गुड़िया और पूरा परिवार मजदूरी के सिलसिले में इंदौर चला गया। रविवार को फोन आया- महक ने फांसी लगा ली। झांसी दौड़े, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। पुलिस पंचनामा भर चुकी थी, पोस्टमार्टम हो चुका था। गुड़िया चीखती हैं, “शव को रस्सी बांधकर गाड़ी में लाद रहे थे। मेरे मुंह बोले भाई ने देखा, रोका। वरना सब दब जाता। आत्महत्या का झूठा बहाना बना देते। मेरी महक को विवेक और उसके परिवार ने मिलकर ठोका-पीटा, फिर खत्म कर दिया। इंसाफ चाहिए, साहब!”

पोस्टमार्टम हाउस के बाहर मां की वो चीखें आज भी गूंज रही हैं। आसपास के लोग भी सन्न हैं। महक का भाई कहता है, “बहन खुश न थी। अगर सुसाइड भी की, तो वजह वही यातनाएं हैं। हत्या का केस दर्ज हो, तभी न्याय मिलेगा।”

पुलिस की जांच, पति पर शक की नजर

शहर कोतवाली के SHO राजेश अवस्थी ने बताया, “प्रथम दृष्टया ये सुसाइड ही लग रहा है। महक मुस्लिम थी, विवेक हिंदू। दोनों ने भागकर शादी की। शव कमरे में फंदे पर मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फांसी से मौत कही गई है। पति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मायके पक्ष की तहरीर पर आगे एक्शन लेंगे।”

विवेक ने शुरुआती बयान में कहा, महक डिप्रेशन में थी। लेकिन पुलिस वाले सवाल उठा रहे हैं- डिप्रेशन का राज क्या है? ससुराल वालों को भी बुलाया गया है। झांसी पुलिस इस केस को लव जिहाद या घरेलू हिंसा के चश्मे से देख रही है। रिपोर्ट आने पर साफ हो जाएगा कि ये प्रेम का अंत है या अपराध का।

समाज का आईना: प्रेम विवाह पर सवाल?

झांसी में ये पहला केस नहीं। कई बार धर्म अलग होने पर परिवारों का विरोध हिंसा में बदल जाता है। महक की मौत ने एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया- क्या प्रेम के रास्ते इतने कांटेदार होने चाहिए? मां गुड़िया की गुहार है- बेटी को न्याय दो। पूरा शहर उनकी आवाज बन रहा है। अपडेट्स के लिए बने रहें।

(ये रिपोर्ट झांसी पुलिस, मृतका के परिवार और मौके पर मौजूद लोगों से बातचीत पर आधारित है।)

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सलोनी यादव एक अनुभवी पत्रकार हैं जिन्होंने अपने 10 साल के करियर में कई अलग-अलग विषयों को बखूबी कवर किया है। उन्होंने कई बड़े प्रकाशनों के साथ काम किया है और अब NFL स्पाइस पर अपनी सेवाएँ दे रहा है। सलोनी यादव हमेशा प्रामाणिक स्रोतों और अपने अनुभव के आधार पर जानकारी साझा करती हैं और पाठकों को सही और विश्वसनीय सलाह देती हैं।