राशन कार्ड धारकों पर सरकार की सख़्ती: कार, AC, फ़्लैट होने पर हो सकती है कार्रवाई, कार्ड तक रद्द!

सरकार राशन कार्ड नियमों पर सख्त हो गई है। कार, AC, 100 वर्ग मीटर से ज्यादा संपत्ति या सरकारी नौकरी होने पर कार्ड रद्द हो सकता है। ग्रामीणों को 2 लाख और शहरी परिवारों को 3 लाख से कम आय पर ही पात्रता। गलत कार्ड वालों पर कार्रवाई के संकेत।

  • राशन कार्ड नियम सख्त, गलत लाभ पर कार्रवाई
  • कार, बड़ा मकान वालों का कार्ड हो सकता है रद्द
  • AC-फ्रिज भी बन सकते हैं जांच का आधार
  • सरकार का अलर्ट: असली हकदारों तक ही राशन

Ration Card Update: देश में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों की मदद के लिए सरकार सस्ता राशन देती है, लेकिन अब नियम न मानने पर कार्रवाई का खतरा बढ़ गया है। कई राज्यों में शिकायतें मिली हैं कि सही हैसियत वाले लोग भी लाभ ले रहे हैं। सरकार ने संकेत दिए हैं कि ऐसे मामलों पर अब सख़्ती होगी।

किसे मिलेगा राशन कार्ड, किसे नहीं

राशन कार्ड का हक उन्हीं परिवारों को है जिन्हें दो वक्त की रोटी जुटाने में दिक्कत होती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत यह मदद दी जाती है। लेकिन अगर आपकी संपत्ति, आय या जीवनशैली उन मानकों से ऊपर है तो आपका कार्ड रद्द किया जा सकता है।

केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक, जिनके पास 100 वर्ग मीटर से अधिक का प्लॉट, मकान या फ्लैट है, उन्हें कार्ड नहीं मिलना चाहिए। साथ ही जिन लोगों के पास कार, ट्रैक्टर या कोई भी चार पहिया वाहन है वे भी पात्रता सूची से बाहर माने जाते हैं।

महंगी सुविधाएं भी बन सकती हैं कारण

अब ध्यान सिर्फ आय या जमीन पर ही नहीं, घर में मौजूद सुविधाओं पर भी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन परिवारों के घर में AC, फ़्रीज या अन्य महंगे उपकरण हैं, उन पर भी जांच हो सकती है। नियम के मुताबिक सरकारी नौकरी वाले परिवारों को भी लाभ नहीं दिया जाएगा। ऐसे में गलत तरीके से कार्ड बनवा लिया है तो यह आपके लिए भारी पड़ सकता है।

स्थानीय प्रशासन ऐसे मामलों की सूची तैयार कर रहा है ताकि गलत लाभ उठाने वालों को चिन्हित किया जा सके। जांच में गलत पाए जाने पर कार्ड रद्द होने के साथ-साथ जुर्माना और अन्य कानूनी कार्रवाई भी संभव है।

किन्हें मिलेगा लाभ

ग्रामीण इलाकों में 2 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवार आवेदन कर सकते हैं। वहीं शहरों में यह सीमा 3 लाख रुपये रखी गई है। साथ ही शर्त यह भी है कि परिवार का कोई सदस्य इनकम टैक्स भरने वाला न हो। सरकार का संदेश साफ है की असली हकदारों तक लाभ पहुंचे, इसलिए अगर गलत तरीके से कार्ड बनवाया है तो बेहतर है स्वेच्छा से सरेंडर कर दें।

क्यों बढ़ रही है सख्ती

विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थिक दबाव के दौर में सरकार सब्सिडी का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करना चाहती है। कोरोना के बाद कई योजनाओं में बजट बढ़ा है, ऐसे में अनियमितता पर रोक लगाना जरूरी हो गया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी मानना है कि धोखाधड़ी रोकना बेहद जरूरी है ताकि असल जरूरतमंद भूखे न रहें।

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