Silver Price Crash: लाइफटाइम हाई के बाद चांदी में भारी गिरावट, 4 घंटे में 8,800 रुपये फिसली

Sone Ka Bhav: शुक्रवार का कारोबारी सत्र कीमती धातुओं के निवेशकों के लिए भावनात्मक रोलर-कोस्टर जैसा रहा। चांदी ने जहां दिन की शुरुआत में नया इतिहास रचते हुए पहली बार 2 लाख रुपये प्रति किलो का आंकड़ा पार किया, वहीं कुछ ही घंटों में वही तेजी भारी दबाव में बदल गई। रिकॉर्ड स्तर छूने के बाद बाजार में अचानक मुनाफावसूली हावी हुई और चांदी देखते-देखते हजारों रुपये फिसल गई।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर शाम के वक्त चांदी 2,01,615 रुपये प्रति किलो के अपने अब तक के सर्वोच्च स्तर तक पहुंची। यह वह बिंदु था जहां लंबे समय से चढ़ते बाजार में बैठे निवेशकों ने कमाई समेटने का फैसला लिया। जैसे ही 2 लाख रुपये का मनोवैज्ञानिक स्तर पार हुआ, बड़े खिलाड़ियों से लेकर छोटे ट्रेडर्स तक बिकवाली पर उतर आए। नतीजा यह रहा कि महज चार घंटे के भीतर बाजार का मूड पूरी तरह पलट गया।

कारोबार के अंत तक चांदी 1,92,851 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई। यानी अपने रिकॉर्ड स्तर से करीब 8,800 रुपये की सीधी गिरावट। दिन के दौरान दबाव इतना बढ़ा कि एक समय भाव 1,90,077 रुपये तक भी फिसल गए थे, जो पीक से 11,500 रुपये से ज्यादा नीचे था। गुरुवार के बंद भाव 1,98,942 रुपये के मुकाबले देखा जाए तो एक ही दिन में चांदी लगभग 6,100 रुपये टूट गई।

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट किसी बुनियादी कमजोरी का संकेत नहीं बल्कि क्लासिक प्रॉफिट बुकिंग का नतीजा है। लगातार रिकॉर्ड बनाती कीमतों के बाद निवेशक जोखिम घटाने लगे थे। जैसे ही तेजी थमी, ऑटोमैटिक सेल ऑर्डर और शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग ने गिरावट को और तेज कर दिया।

सोने के बाजार में भी शुक्रवार को कुछ ऐसा ही माहौल देखने को मिला, हालांकि वहां उतार-चढ़ाव अपेक्षाकृत सीमित रहा। MCX पर सोना दिन के दौरान 1,35,263 रुपये प्रति 10 ग्राम के लाइफटाइम हाई तक पहुंचा। इसके बाद दबाव बना और बंद होते-होते भाव 1,33,622 रुपये पर आ गए। यानी अपने उच्चतम स्तर से करीब 1,641 रुपये की गिरावट।

कारोबार के बीच एक समय सोना करीब 3,000 रुपये तक टूटकर 1,32,275 रुपये प्रति 10 ग्राम तक भी चला गया था। इसके बावजूद दिन के अंत में तस्वीर पूरी तरह नकारात्मक नहीं रही। गुरुवार के 1,32,469 रुपये के मुकाबले शुक्रवार को सोना 1,153 रुपये की बढ़त के साथ बंद हुआ, जो यह दिखाता है कि लंबी अवधि के निवेशकों का भरोसा अभी कायम है।

कुल मिलाकर शुक्रवार का सत्र यह साफ संकेत दे गया कि कीमती धातुओं में तेजी जितनी तेज हो सकती है, उतनी ही तेजी से मुनाफावसूली भी आ सकती है। रिकॉर्ड स्तरों के आसपास बाजार अब ज्यादा सतर्क नजर आ रहा है और हर नया आंकड़ा निवेशकों की मानसिक परीक्षा ले रहा है।

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