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भारत की बायोटेक क्रांति: 21 बायोफाउंड्री के साथ वैश्विक मंच पर छलांग
बायोई3 नीति का लक्ष्य है बायोटेक्नोलॉजी के जरिए अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, पर्यावरण की रक्षा करना और लाखों नौकरियां पैदा करना। भारत अब वैश्विक स्तर पर 121 बायोफाउंड्री में से 21 का संचालन कर रहा है।
नई दिल्ली: भारत बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बायोई3 नीति की पहली वर्षगांठ मनाई और 21 हाई-टेक बायोफाउंड्री की शुरुआत की। ये कदम भारत को बायोमैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का अग्रणी देश बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

आत्मनिर्भर भारत का सपना
कई क्षेत्रों में नए अवसर
इस नीति के तहत स्मार्ट प्रोटीन, सतत कृषि, कार्बन कैप्चर, मरीन बायोटेक्नोलॉजी और जीन थेरेपी जैसे क्षेत्रों में काम हो रहा है। ये पहल न केवल आयात पर निर्भरता कम करेंगी, बल्कि किसानों, उद्यमियों और वैज्ञानिकों के लिए नए रास्ते खोलेंगी।
https://twitter.com/DrJitendraSingh/status/1962507718037807456
उद्योगों के साथ मिलकर काम
कार्यक्रम में उद्योग विशेषज्ञों के साथ चर्चा में बायोटेक्नोलॉजी के व्यावसायिक इस्तेमाल पर जोर दिया गया। ये साझेदारी नवाचार को बढ़ावा देगी और भारत को वैश्विक बायोटेक हब के रूप में स्थापित करेगी।
बायोई3 नीति के तहत भारत नई तकनीकों और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। ये कदम न केवल भारत की जैव-आर्थिक क्षमता को बढ़ाएंगे, बल्कि दुनिया को एक नया रास्ता भी दिखाएंगे।
लेखक के बारे में

भारत कृषि प्रधान देश है और किसान देश की आत्मा है। किसानों के लिए जब कुछ किया जाता है तो मन को सुकून मिलता है। टेक्सटाइल विषय से स्नातक करने के बाद अपने लिखने के शौख को आगे बढ़ाया और किसानों के लिए कलम उठाई। रोजाना किसानों से जुडी ख़बरें और बिज़नेस से जुडी ख़बरों को लिखकर आप तक पहुंचाने का सिलसिला आगे भी ऐसे ही जारी रहने वाला है।