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स्वच्छ भारत मिशन: ग्रामीण इलाकों में साफ-सफाई को मिलेगी रफ्तार, तेजी के साथ शुरू होगा कार्य
नई दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की तरक्की पर एक बड़ा सम्मेलन किया. यहां सबने मिलकर साफ-सफाई को लंबे समय तक बनाए रखने और गांवों के लोगों की जिम्मेदारी पर बात की. यह कार्यक्रम 1 सितंबर को भारत मंडपम में हुआ
नई दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की तरक्की पर एक बड़ा सम्मेलन किया. यहां सबने मिलकर साफ-सफाई को लंबे समय तक बनाए रखने और गांवों के लोगों की जिम्मेदारी पर बात की. यह कार्यक्रम 1 सितंबर को भारत मंडपम में हुआ, जहां 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बड़े अधिकारी शामिल थे. सबने मिशन की कामयाबी देखी, मुश्किलों पर चर्चा की और 2026 से शुरू होने वाले अगले दौर की योजना बनाई. मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि यह मिशन और जल जीवन मिशन साथ मिलकर साफ पानी और स्वच्छता को मजबूत कर रहे हैं. उन्होंने नई तकनीकों, कचरे से ऊर्जा बनाने और मौसम के हिसाब से स्वच्छता पर जोर दिया. उनका मानना है कि ओडीएफ प्लस सिर्फ नंबर नहीं, बल्कि गांवों में स्वास्थ्य और सम्मान की बात है.
मिशन की प्रगति अच्छी है - 81 फीसदी गांव ओडीएफ प्लस बन चुके हैं, 91 फीसदी में गंदे पानी का प्रबंधन है, 84 फीसदी में ठोस कचरा संभाला जा रहा है और 67 फीसदी ब्लॉकों में प्लास्टिक कचरा पूरी तरह कवर है. गोबर से बायोगैस बनाने वाले प्लांट भी बढ़े हैं, जहां 11 राज्य 80-100 फीसदी पर चल रहे हैं. हालांकि, कुछ मुश्किलें हैं जैसे कम फंड का इस्तेमाल, रखरखाव और गंदगी प्रबंधन की नीतियां लंबित होना. इन पर सबने मिलकर विचार किया.

कई राज्यों ने अपनी खास योजनाएं बताईं. असम ने पानी में डूबे इलाकों के लिए तैरते शौचालय और हरी पूजा दिखाई. पश्चिम बंगाल ने प्लास्टिक से सड़क बनाने का तरीका साझा किया. हिमाचल प्रदेश ने क्लस्टर आधारित कचरा प्रबंधन, ओडिशा ने महिलाओं द्वारा चलाए प्लास्टिक संयंत्र और ई-वाहन, बिहार ने कबाड़ ऐप और निगरानी सिस्टम, कर्नाटक ने गोबर, गंदगी और पानी प्रबंधन, गुजरात ने महिलाओं के नेतृत्व में ओडीएफ प्लस और बायोगैस, मिजोरम ने बच्चों के स्वच्छता क्लब, झारखंड ने बायोगैस प्लांट, महाराष्ट्र ने बायोफिल्टर तकनीक, छत्तीसगढ़ ने पatora पंचायत का गंदगी उपचार और मध्य प्रदेश ने मोबाइल स्वच्छता सेवा दिखाई.
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सिक्किम के मंत्री अरुण कुमार उप्रेती ने बताया कि उनका राज्य 2016 में पूरी तरह ओडीएफ बन चुका था. अब वे अगले चरण में सतत विकास, हरी तकनीक, मौसम अनुकूलन और गांवों की कमाई पर फोकस करेंगे. उन्होंने पहाड़ी इलाकों की मुश्किलों के लिए स्पेशल मदद मांगी.अगला चरण ओडीएफ प्लस को बनाए रखने, पूरे कचरा प्रबंधन, साफ दिखने वाली सफाई और मौसम से जोड़ने पर होगा. सम्मेलन में राज्यों के सुझावों को सराहा गया, जो भारत को विकसित बनाने में मदद करेंगे.
लेखक के बारे में

भारत कृषि प्रधान देश है और किसान देश की आत्मा है। किसानों के लिए जब कुछ किया जाता है तो मन को सुकून मिलता है। टेक्सटाइल विषय से स्नातक करने के बाद अपने लिखने के शौख को आगे बढ़ाया और किसानों के लिए कलम उठाई। रोजाना किसानों से जुडी ख़बरें और बिज़नेस से जुडी ख़बरों को लिखकर आप तक पहुंचाने का सिलसिला आगे भी ऐसे ही जारी रहने वाला है।