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अमेरिकी टैरिफ ने बढ़ाई मुश्किलें, 1.5 लाख नौकरियां खतरे में, टैरिफ से हिली निटवेअर इंडस्ट्री
27 अगस्त 2025 से अमेरिका के 25% अतिरिक्त टैरिफ (कुल 50%) ने तिरुपुर के निटवेअर उद्योग को संकट में डाला। 12,000 करोड़ रुपये का निर्यात और 1.5 लाख नौकरियां खतरे में। वैकल्पिक बाजार और राहत पैकेज की मांग।
- टैरिफ: 27 अगस्त 2025 से अमेरिका ने भारत से आयात पर 25% अतिरिक्त टैरिफ (कुल 50%) लगाया।
- प्रभाव: तिरुपुर का 12,000 करोड़ रुपये का सालाना निर्यात प्रभावित, 1.5 लाख नौकरियां खतरे में।
- उद्योग: भारत के 68% निटवेअर निर्यात का केंद्र, 44,747 करोड़ रुपये का टर्नओवर, 10 लाख लोग जुड़े।
तिरुपुर. भारत की निटवेअर राजधानी तिरुपुर के सामने बड़ा आर्थिक संकट मंडरा रहा है. अमेरिका द्वारा 27 अगस्त से लागू 25% अतिरिक्त टैरिफ ने यहां के निर्यातकों की कमर तोड़ दी है. इस फैसले से लगभग 12,000 करोड़ रुपये का सालाना निर्यात खतरे में पड़ गया है. अनुमान है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो 1.5 लाख लोगों की नौकरियां जा सकती हैं.

ऑर्डर रुके, लागत बढ़ी
तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के.एम. सुब्रमण्यम ने बताया कि हर ऑर्डर साइकिल 120 दिन की होती है. मौजूदा टैरिफ से 4,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर पहले ही प्रभावित हो चुके हैं. उन्होंने कहा, “अमेरिका हमारा सबसे बड़ा बाजार है. अगर ऑर्डर रुकते हैं तो कारखानों को बंद करना पड़ सकता है.”
निर्यातक अब दुविधा में हैं कि बढ़ी लागत खुद उठाएं या खरीदारों पर डालें. एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी कुमार दुर्गासामी ने कहा, “पहले 25% टैरिफ में भी हम वियतनाम और बांग्लादेश से 5-6% महंगे थे. अब 50% टैरिफ के साथ कारोबार करना नामुमकिन है.” तिरुपुर में 2,500 निर्यातक और 20,000 से ज्यादा कारखाने हैं, जो बुनाई, रंगाई, पैकेजिंग और सिलाई का काम करते हैं.
वैकल्पिक बाजार की उम्मीद
निर्यातक अब ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया जैसे बाजारों की ओर देख रहे हैं. हाल में हुए यूके एफटीए और प्रस्तावित ईयू एफटीए से कुछ राहत की उम्मीद है. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ये बाजार अमेरिका की मांग की भरपाई नहीं कर सकते. सुब्रमण्यम ने कहा, “तिरुपुर का निटवेअर और फैशन ग्लोबल स्तर पर अनूठा है. खरीदारों को यहां आना ही होगा.” फिलहाल 2,000-3,000 करोड़ रुपये के शिपमेंट अटके हैं और बातचीत जारी है.
सरकार से राहत की मांग
निर्यातकों ने केंद्र और तमिलनाडु सरकार से तत्काल राहत पैकेज की मांग की है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र को पत्र लिखकर ब्राजील की तर्ज पर सहायता देने का अनुरोध किया है. निर्यातकों ने दो साल की लोन मोरेटोरियम, 20-30% क्रेडिट लिमिट बढ़ाने और कारखानों को चलाने के लिए सब्सिडी मांगी है. साथ ही, रेटिंग एजेंसियों से कंपनियों की रेटिंग कम न करने की अपील की है.
तिरुपुर का निटवेअर उद्योग विश्व में अपनी खास पहचान रखता है. यहां के उत्पादों की मांग बनी रहे, इसके लिए इंडस्ट्री और सरकार को मिलकर काम करना होगा. अगर समय पर कदम नहीं उठाए गए तो यह संकट लाखों परिवारों की आजीविका पर भारी पड़ सकता है.
लेखक के बारे में

न्यूज़ लिखना इतना आसान भी नहीं है जितना उनको पढ़ना होता है। हर खबर की गहराई में जाकर एक निचोड़ निकलना और सटीकता के साथ आप तक पहुंचाने का काम पिछले 8 सालों से कर रहा हूँ। कृषि से स्नातक करने के बाद से ही कृषि विषय पर आर्टिकल लिखने शुरू किये थे लेकिन समय पंख लगाकर कब तेजी से निकला और कब 8 साल बीत गए इसका भान ही नहीं हुआ। आगे भी समय के साथ पंख लगाकार आके लिए ऐसे ही आर्टिकल लिखते रहेंगे।