- Hindi News
- ब्रेकिंग न्यूज़
- Jammu Kashmir Disaster: कठुआ में बादल फटने और लैंडस्लाइड से 7 लोगों की जान गई
Jammu Kashmir Disaster: कठुआ में बादल फटने और लैंडस्लाइड से 7 लोगों की जान गई
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में जोध घाटी में बादल फटने से बाढ़ और जंगलोट में भूस्खलन से 7 लोगों की जान गई। रेलवे ट्रैक, NH-44 और पुलिस स्टेशन को नुकसान। प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बल राहत कार्य में जुटे। हेल्पलाइन: 01922-238796, 9858034100।
.jpg)
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में शनिवार देर रात और रविवार तड़के हुई दो अलग-अलग प्राकृतिक आपदाओं ने भारी तबाही मचाई। बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम सात लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं, और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
जोध घाटी में बादल फटने से बाढ़, जंगलोट में भूस्खलन
जोध घाटी में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं, जंगलोट इलाके में भूस्खलन की चपेट में आने से दो लोगों ने अपनी जान गंवाई। इन घटनाओं ने स्थानीय बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचाया, जिसमें एक रेलवे ट्रैक, राष्ट्रीय राजमार्ग-44, और एक पुलिस स्टेशन शामिल हैं।
.jpg)
केंद्रीय मंत्री और उधमपुर से सांसद जितेंद्र सिंह ने बताया कि नागरिक प्रशासन, सेना, और अर्धसैनिक बलों ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।"
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिए राहत कार्यों के निर्देश
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटना पर गहरा दुख जताया और अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत और बचाव कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, "कठुआ के जोध खड्ड और जुथाना सहित कई इलाकों में भूस्खलन और बादल फटने से हुए नुकसान और जनहानि से मुख्यमंत्री दुखी हैं। चार लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने की खबर है।"
https://twitter.com/RisingStarCorps/status/1956968006317125665
उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। साथ ही, प्रभावित लोगों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
मौसम चेतावनी और सुरक्षा के लिए सलाह
कठुआ प्रशासन ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। जिला सूचना केंद्र ने X पर एक पोस्ट में कहा, "लोगों से अनुरोध है कि वे नदियों, नालों, और अन्य जल निकायों से दूर रहें। पहाड़ी और भूस्खलन के खतरे वाले क्षेत्रों में भी न जाएं। भारी बारिश से जल स्तर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन का खतरा है।"
प्रशासन ने आपात स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं: 01922-238796 और 9858034100। अधिकारियों के अनुसार, उझ नदी का जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।
किश्तवाड़ में भी हाल ही में आई थी आपदा
हाल ही में, किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से आई बाढ़ में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह घटना 14 अगस्त को तब हुई, जब मचैल माता मंदिर की तीर्थयात्रा के लिए चिसोती में बड़ी संख्या में लोग जमा थे। अभी भी 82 लोग लापता हैं। यह तीर्थयात्रा 25 जुलाई से शुरू हुई थी और 5 सितंबर तक चलने वाली थी।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम संबंधी चेतावनियों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
About The Author

न्यूज़ लिखना इतना आसान भी नहीं है जितना उनको पढ़ना होता है। हर खबर की गहराई में जाकर एक निचोड़ निकलना और सटीकता के साथ आप तक पहुंचाने का काम पिछले 8 सालों से कर रहा हूँ। कृषि से स्नातक करने के बाद से ही कृषि विषय पर आर्टिकल लिखने शुरू किये थे लेकिन समय पंख लगाकर कब तेजी से निकला और कब 8 साल बीत गए इसका भान ही नहीं हुआ। आगे भी समय के साथ पंख लगाकार आके लिए ऐसे ही आर्टिकल लिखते रहेंगे।