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हरियाणा में वनों को नया दर्जा मिला: अब खेत और बाग भी होंगे वन क्षेत्र में शामिल
हरियाणा की प्रदेश सरकार ने वनों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एक नया नियम पुरे प्रदेश में लागु कर दिया है और अब इस नियम के लागु होने के बाद में आपके खेत और बाग भी अब आगे से वन क्षेत्र का हिस्सा माने जायेंगे। आइये जानते है की क्या है ये नियम -

हरियाणा सरकार ने वनों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एक नया कदम उठाया है. अब खेती और बागवानी से जुड़े पेड़-पौधों को भी वन क्षेत्र का हिस्सा माना जाएगा. इस नीति में बदलाव के तहत निजी जमीनों पर लगे पेड़ भी वन की परिभाषा में शामिल होंगे. सरकार ने इसके लिए सख्त नियम और शर्तें तय की हैं. साथ ही इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए दो कमेटियों का गठन किया गया है.
नए नियम क्या कहते हैं?
नई नीति के अनुसार, कोई जमीन तब तक वन नहीं मानी जाएगी, जब तक वह खास शर्तों को पूरा नहीं करती. इसके लिए जमीन का टुकड़ा कम से कम 5 हेक्टेयर का होना चाहिए और अलग-थलग होना चाहिए. अगर यह जमीन सरकारी अधिसूचित वनों से सटी हुई है तो इसका क्षेत्रफल कम से कम 2 एकड़ होना चाहिए. इसके अलावा पेड़ों की छतरी (कैनोपी डेंसिटी) 0.4 से कम नहीं होनी चाहिए.

हालांकि सड़कों के किनारे लगे पेड़, छोटे बाग या लीनियर प्लांटेशन को वन का दर्जा नहीं मिलेगा. सरकार अब ऐसी जमीनों को चिन्हित करेगी जो इन शर्तों को पूरा करती हैं.
कमेटियां करेंगी निगरानी
इस नीति को लागू करने के लिए दो कमेटियों का गठन किया गया है. ये कमेटियां वन क्षेत्रों की पहचान करेंगी और अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेंगी. इसके बाद मुख्य सचिव सर्वोच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर करेंगे, जिसमें वन भूमि की पूरी जानकारी होगी.
हरियाणा के लिए क्यों जरूरी?
यह कदम हरियाणा में हरे-भरे क्षेत्र को बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है. निजी जमीनों पर लगे पेड़ों को वन का दर्जा देने से किसानों और बागवानों को भी प्रोत्साहन मिलेगा. साथ ही यह कदम हरियाणा के वन क्षेत्र को बढ़ाने में मदद करेगा जो जलवायु परिवर्तन से निपटने में अहम भूमिका निभाएगा.
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न्यूज़ लिखना इतना आसान भी नहीं है जितना उनको पढ़ना होता है। हर खबर की गहराई में जाकर एक निचोड़ निकलना और सटीकता के साथ आप तक पहुंचाने का काम पिछले 8 सालों से कर रहा हूँ। कृषि से स्नातक करने के बाद से ही कृषि विषय पर आर्टिकल लिखने शुरू किये थे लेकिन समय पंख लगाकर कब तेजी से निकला और कब 8 साल बीत गए इसका भान ही नहीं हुआ। आगे भी समय के साथ पंख लगाकार आके लिए ऐसे ही आर्टिकल लिखते रहेंगे।