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कपास किसानो के लिए चिंता बढ़ी, 1 महीने के लिए कपास पर आयत शुल्क हटा
कपास किसानो के लिए सिरदर्द बढ़ने वाला है। क्योकि एक महीने के लिए कपास आयात शुल्क को हटा दिया गया है। जिसका असर कपास की कीमतों पर दिखने वाला है । आने वाले समय में कपास की कीमते गिर सकती है।

देश में कपास किसानो के लिए चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। अभी कपास का सीजन चल रहा है। कुछ ही समय में नई कपास मार्किट में आने वाली है। लेकिन 19 अगस्त 2025 को केंद्र सरकार ने कपास आयात को लेकर बनाए नियम में बदलाव किया है और इम्पोर्ट ड्यूटी को 19 अगस्त से 30 सितम्बर तक फ्री कर दिया है। यानि की विदेशो से आने वाली कपास से भारतीय कपास किसानो को नुकसान होने वाला है। ये नुकसान कपास की मौजूदा कीमतों में गिरावट के रूप में देखने को मिलेगा।

इम्पोर्ट ड्यूटी हटाने से गिरेंगे कपास के दाम
देश में वैसे ही किसानो को फसलों के उचित दाम नहीं मिल रहे है और अभी 19 अगस्त को सरकार ने विदेशो से आयात होने वाली कपास पर इम्पोर्ट ड्यूटी 30 सितम्बर तक हटा दी है। जिससे सस्ती विदेशी कपास भारतीय बाजारों में आएगी और मांग से अधिक आपूर्ति होने से मार्किट में कपास के दाम गिरेंगे। हालाँकि ये मार्किट में 30 स्तिम्बर तक ही फ्री रहेगी। लेकिन इसका असर भी कपास किसानो पर होने वाला है।
सरकार का मानना है की इम्पोर्ट ड्यूटी हटाने से देश में कपड़ा उधोगो को नई रफ़्तार मिलेगी और महंगाई को कण्ट्रोल करने में मदद मिलेगी। देश की कपड़ा निर्माता कम्पनिया वैश्विक स्तर पर पिछड़ रही है और इसके लिए जरुरी कदम उठाये जा रहे है । टेम्पररी ड्यूटी हटाने से काफी हद तक फायदा होगा । देश में कच्चा माल महँगा होने से कपड़ा सेक्टर में तेजी के साथ महंगाई बढ़ रही है।
किसानो को कितना होगा नुकसान
हालाँकि ये टेम्परेरी एक्शन है। लेकिन इस एक्शन से देश में किसानो को कपास के भावो में गिरावट का सामना करना पड़ेगा। कपास की कीमतों में 500 से 1000 रु तक की कटौती दर्ज हो सकती है। हालाँकि अभी कपास का सीजन शुरू होने वाला है। लेकिन ये रोक 1 महीने के लिए हटाई गई है। और कपास की फसल के आने में भी 1 महीने के करीब समय बाकी है। फिर भी एक रोक के हटने के बाद मार्किट में जो विदेशो से कपास का आयात होगा वो लम्बे समय तक इस पर इफ़ेक्ट डालेगा।
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