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सरकार बेचेगी LIC में 3% हिस्सेदारी, 17 हजार करोड़ की आमदनी की उम्मीद; सरकारी बैंकों में भी कटौती की तैयारी
भारत सरकार LIC में 2.5-3% हिस्सा बेचकर 14,000-17,000 करोड़ जुटाएगी। 2 हफ्तों में रोड शो। सेबी नियम के तहत मई 2027 तक 10% पब्लिक शेयर जरूरी। इंडियन ओवरसीज, यूको, पंजाब एंड सिंध, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र में हिस्सा 75% तक कम होगा।

नई दिल्ली: भारत सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) में अपनी हिस्सेदारी कम करने की योजना बना रही है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार जल्द ही LIC में 2.5 से 3 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। इसके लिए अगले दो हफ्तों में एक रोड शो आयोजित किया जा सकता है, जिसमें निवेशकों को इस बिक्री के बारे में जानकारी दी जाएगी।
LIC में हिस्सेदारी बिक्री की योजना
रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार ने इस बिक्री के लिए मोतीलाल ओसवाल और IDBI कैपिटल को ब्रोकर के रूप में नियुक्त किया है। इस प्रक्रिया से सरकार को 14,000 करोड़ से 17,000 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है। बिक्री की अंतिम राशि रोड शो के बाद तय होगी। वर्तमान में सरकार की LIC में 96.5 फीसदी हिस्सेदारी है। तीन साल पहले सरकार ने LIC के IPO के जरिए 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी।
LIC का मार्केट कैप वर्तमान में करीब 5.59 लाख करोड़ रुपये है। बुधवार को BSE पर कंपनी के शेयर 3.5 फीसदी की गिरावट के साथ 884.30 रुपये पर बंद हुए। सेबी ने LIC को मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग (10%) के नियम को पूरा करने के लिए मई 2027 तक का समय दिया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है।
बैंकों में भी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी
LIC के अलावा, सरकार कुछ सरकारी बैंकों में भी अपनी हिस्सेदारी कम करने की योजना बना रही है। इनमें इंडियन ओवरसीज बैंक (94.61%), यूको बैंक (90.95%), पंजाब एंड सिंध बैंक (93.85%), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (89.27%), और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (79.60%) शामिल हैं। सरकार को अगले साल अगस्त तक इन बैंकों में अपनी हिस्सेदारी 75 फीसदी तक कम करनी है।
सूत्रों के मुताबिक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र इस लक्ष्य को समय पर पूरा कर सकता है, लेकिन अन्य बैंक कम से कम एक साल का विस्तार मांग सकते हैं।
सरकार का विनिवेश लक्ष्य
सरकार का यह कदम विनिवेश के व्यापक लक्ष्य का हिस्सा है, जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और बैंकों में हिस्सेदारी बेचकर राजस्व जुटाया जाता है। यह न केवल सरकारी खजाने को मजबूत करेगा, बल्कि कंपनियों में पब्लिक शेयरहोल्डिंग बढ़ाने के सेबी नियमों का पालन भी सुनिश्चित करेगा।
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न्यूज़ लिखना इतना आसान भी नहीं है जितना उनको पढ़ना होता है। हर खबर की गहराई में जाकर एक निचोड़ निकलना और सटीकता के साथ आप तक पहुंचाने का काम पिछले 8 सालों से कर रहा हूँ। कृषि से स्नातक करने के बाद से ही कृषि विषय पर आर्टिकल लिखने शुरू किये थे लेकिन समय पंख लगाकर कब तेजी से निकला और कब 8 साल बीत गए इसका भान ही नहीं हुआ। आगे भी समय के साथ पंख लगाकार आके लिए ऐसे ही आर्टिकल लिखते रहेंगे।