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सोने की कीमतों पर वैश्विक तनाव और अमेरिकी आंकड़ों का असर, आगे क्या होगा?
सोना (XAU/USD) 0.17% बढ़कर $3,340/औंस पर स्थिर। निवेशक अलास्का में ट्रंप-पुतिन बैठक और अमेरिकी आंकड़ों (PMI, FOMC मिनट्स, पॉवेल का भाषण) का इंतजार कर रहे हैं। डॉलर में गिरावट से समर्थन, पर ट्रेजरी प्रतिफल ने तेजी सीमित की।

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें (XAU/USD) इस समय स्थिर बनी हुई हैं। निवेशक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली अहम बैठक के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। शुक्रवार को सोना 0.17% की मामूली बढ़त के साथ 3,340 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। गुरुवार देर रात से लेकर शुक्रवार तक सोने की कीमतें 3,330 से 3,350 डॉलर के दायरे में ही रहीं।

ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन की उम्मीदें
अलास्का में होने वाले ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन से बाजार को कोई बड़ा नतीजा निकलने की उम्मीद कम ही है। व्हाइट हाउस ने संकेत दिया है कि व्यापार से जुड़े मुद्दों पर बातचीत से पहले युद्ध और तनाव को कम करने पर जोर होगा। इस अनिश्चितता के बीच निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं, जिसका असर सोने की कीमतों पर भी दिख रहा है।
अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों का प्रभाव
हाल ही में जारी अमेरिकी खुदरा बिक्री के आंकड़े उम्मीदों के मुताबिक रहे, लेकिन जून की तुलना में कमजोर प्रदर्शन दिखा। जुलाई में खुदरा बिक्री 0.5% बढ़ी, जो जून के 0.9% की तुलना में कम है। इसके अलावा, अमेरिका में औद्योगिक उत्पादन में 0.1% की गिरावट दर्ज की गई, जो बाजार की उम्मीदों से कम थी।
उपभोक्ता धारणा भी कमजोर हुई है। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन (UoM) के उपभोक्ता भावना सूचकांक अगस्त में 61.7 से घटकर 58.6 पर आ गया। मुद्रास्फीति की बढ़ती आशंकाओं ने भी माहौल को प्रभावित किया है, जहां एक साल की मुद्रास्फीति उम्मीद 4.9% और पांच साल की उम्मीद 3.9% तक पहुंच गई है।
डॉलर और ट्रेजरी प्रतिफल का असर
अमेरिकी डॉलर सूचकांक (DXY) 0.37% की गिरावट के साथ 97.83 पर रहा, जिसने सोने की कीमतों को कुछ हद तक समर्थन दिया। हालांकि, अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल में बढ़ोतरी ने सोने की तेजी को सीमित कर दिया। 10-वर्षीय ट्रेजरी प्रतिफल 4.322% पर पहुंच गया, जबकि वास्तविक प्रतिफल 1.936% तक बढ़ा। यह सोने की कीमतों के लिए नकारात्मक रहा, क्योंकि सोना और वास्तविक प्रतिफल में उलटा रिश्ता होता है।
तकनीकी नजरिया
तकनीकी दृष्टिकोण से, सोने की कीमतें 3,300 डॉलर के ऊपर तेजी के रुख में हैं, लेकिन 3,349-3,357 के स्तर पर 20-दिवसीय और 50-दिवसीय मूविंग एवरेज के प्रतिरोध को तोड़ने में नाकाम रही हैं। यदि सोना 3,357 डॉलर को पार करता है, तो अगला लक्ष्य 3,380 और फिर 3,400 डॉलर हो सकता है। इसके विपरीत, 3,330 डॉलर से नीचे गिरावट होने पर 3,300 और फिर 3,295 का स्तर अहम समर्थन हो सकता है।
अगले सप्ताह बाजार की नजर अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों पर रहेगी। इसमें फ्लैश PMI रीडिंग, फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक के मिनट्स और फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल का जैक्सन होल में होने वाला भाषण शामिल है। ये सभी घटनाएं सोने की कीमतों पर असर डाल सकती हैं।
निवेशकों को सलाह है कि वे वैश्विक और आर्थिक घटनाओं पर नजर रखें, क्योंकि सोने की कीमतें इन कारकों से प्रभावित हो सकती हैं।
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न्यूज़ लिखना इतना आसान भी नहीं है जितना उनको पढ़ना होता है। हर खबर की गहराई में जाकर एक निचोड़ निकलना और सटीकता के साथ आप तक पहुंचाने का काम पिछले 8 सालों से कर रहा हूँ। कृषि से स्नातक करने के बाद से ही कृषि विषय पर आर्टिकल लिखने शुरू किये थे लेकिन समय पंख लगाकर कब तेजी से निकला और कब 8 साल बीत गए इसका भान ही नहीं हुआ। आगे भी समय के साथ पंख लगाकार आके लिए ऐसे ही आर्टिकल लिखते रहेंगे।