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बीएसटीसी कोर्स (BSTC): प्राइमरी शिक्षक बनने की पूरी जानकारी, जानिए क्या क्या करना होगा?
बेसिक स्कूल टीचिंग सर्टिफिकेट (BSTC) राजस्थान में प्राइमरी स्कूल शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण 2 साल का डिप्लोमा कोर्स है इसको प्री डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (Pre D.El.Ed) के नाम से भी जाना जाता है।

अगर आप प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पढ़ाना चाहते है और इसके लिए शिक्षक बनना चाहते है तो इसके लिए आपको राजस्थान में बेसिक स्कूल टीचिंग सर्टिफिकेट (BSTC) कोर्स करना होगा जिसके बाद आप राजस्थान इ प्राइमरी टीचर बन सकते है। सरकार की और से इस कोर्स को इसलिए शुरू किया गया है ताकि जो लोग प्राइमरी शिक्षक के तौर पर अपना करियर बनाना चाहते है। BSTC Course करने के लिए क्या क्या करना होगा और इसकी परीक्षा का पैटर्न क्या होता है आइये आपको डिटेल में इसकी जानकारी देते है।
बीएसटीसी कोर्स (BSTC) क्या होता है?
सबसे पहले आपको इस कोर्स की बेसिक डिटेल दे देते है। देखिये ये एक सिक स्कूल टीचिंग सर्टिफिकेट है जो की 2 साल का एक डिप्लोमा कौसे होता है जिसमे कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के बच्चों को पढ़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है। राजस्थान सरकार की तरफ से इस कोर्स को मान्यता दी गई है और इस कोर्स को करने के बाद में आप एक प्राइमरी टीचर बन जाते है। इस कोर्स को करने के बाद में आप राज्य सरकार के किसी भी सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए आवेदन कर सकते है या फिर आप प्राइवेट स्कूलों में भी बच्चों को पढ़ा सकते है।
बीएसटीसी कोर्स (BSTC) में क्या क्या पढ़ाया जाता है?
अगर आप बीएसटीसी कोर्स (BSTC) को करना चाहते है तो इसके लिए आपको कुछ बातों को पहले से जानना जरुरी है ताकि आप आसानी से बच्चों को पढ़ा सके। बीएसटीसी का पाठ्यक्रम बच्चों को पढ़ाने की कला और तकनीक को सिखाने के लिए बनाया गया है। बच्चों का विकास पर आपको ध्यान देना होता है और वे कैसे किसी भी काम को सीख सकते है इस पर भी आपको ध्यान देना होता है।

कक्षा में अनुशासन और सकारात्मक माहौल कैसे बनाया जा सकता है और बच्चों की प्रगति को मापने और समझने के तरीके क्या होते है ये सब इस कोर्स में आपको पढ़ाया जाता है। स्कूलों में जाकर असल में बच्चों को पढ़ाने का अनुभव भी आपको दिया जाता है यानि आपको रियल में प्रैक्टिकल के जरिये भी ट्रेनिंग दी जाती है। सामान्य ज्ञान, राजस्थान का इतिहास, और भाषा (हिंदी, अंग्रेजी, या संस्कृत) जैसे विषय भी आपको इस कोर्स के दौरान पढ़ाया जाता है।
बीएसटीसी में दाखिला कैसे लें?
बीएसटीसी कोर्स में दाखिला लेने के लिए आपको राजस्थान प्री डी.एल.एड (Pre D.El.Ed) परीक्षा पास करनी होती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की यह एक राज्य-स्तरीय प्रवेश परीक्षा है जो हर साल आयोजित की जाती है। इसके अलावा आपको आपको किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा पास करनी होगी। बीएसटीसी में दाखिला लेने के लिए आपकी उम्र 18 से 28 साल के बीच होनी चाहिए लेकिन कुछ खास श्रेणियों में आपको कुछ छूट भी मिल सकती है।
आपकी प्रवेश परीक्षा होती है और इसमें 200 बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं जिनमें सामान्य ज्ञान, मानसिक क्षमता, शिक्षण योग्यता, और भाषा (हिंदी/संस्कृत और अंग्रेजी) से सवाल पूछे जाते हैं। कुल 600 अंकों का यह पेपर 3 घंटे में पूरा करना होता है। गलत जवाब देने पर आपको नेगेटिव मार्किंग नहीं की जाती है। इस कोर्स के लिए आवेदन करने के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा। सामान्य कोर्स के लिए आवेदन शुल्क लगभग 400 रुपये और सामान्य व संस्कृत दोनों के लिए 450 रुपये है।
राजस्थान में बीएसटीसी के लिए टॉप कॉलेज
अगर आप प्राइमरी टीचर बनना चाहते है तो इसके लिए राजस्थान में कई कॉलेज है जिनमे आप दाखिला लेकर इस कोर्स कर सकते है। यहां निचे दिए गये कॉलेज आपके लिए इस कोर्स के लिए सबसे बेहतरीन रहने वाले है। इन कॉलेजों में आपको अच्छी फैकल्टी मिलने वाली है और साथ में आपको प्रैक्टिकल ट्रेनिंग की सुविधा भी इन कॉलेज में मिलती है।
- जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (DIET), अजमेर
- श्री मिश्री लाल दुबे गर्ल्स STC स्कूल
- जे.बी. टीचर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, श्री गंगानगर
BSTC Course करने के बाद में आपको कितना वेतन मिलेगा?
अगर आप राजस्थान सरकार के द्वारा चलाया जा रहा प्राइमरी टीचर कोर्स (BSTC) को अगर कर लेते है तो इसके बाद आप कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ा सकते है। इस दौरान आपको पे लेवल-10 के तहत करीब 9,300 रुपए से 33,800 रुपए तक की शुरुआती सैलरी मिलती है और जैसे जैसे आपका अनुभव बढ़ता जाता है और आपका प्रमोशन होता जाता है वैसे वैसे आपका वेतन भी बढ़ने लगता है। इसमें आपको 35 हजार या फिर इससे अधिक भी वेतन मिल सकता है।
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न्यूज़ लिखना इतना आसान भी नहीं है जितना उनको पढ़ना होता है। हर खबर की गहराई में जाकर एक निचोड़ निकलना और सटीकता के साथ आप तक पहुंचाने का काम पिछले 8 सालों से कर रहा हूँ। कृषि से स्नातक करने के बाद से ही कृषि विषय पर आर्टिकल लिखने शुरू किये थे लेकिन समय पंख लगाकर कब तेजी से निकला और कब 8 साल बीत गए इसका भान ही नहीं हुआ। आगे भी समय के साथ पंख लगाकार आके लिए ऐसे ही आर्टिकल लिखते रहेंगे।