- Hindi News
- कृषि
- धान की फसल में पत्तियां पीली या धूसर दिखें तो तुरंत करें ये उपाय
धान की फसल में पत्तियां पीली या धूसर दिखें तो तुरंत करें ये उपाय
बासमती धान में मैंगनीज की कमी से पत्तियां पीली पड़ती हैं। 20 किग्रा/हेक्टेयर मैंगनीज सल्फेट का छिड़काव कल्ले बनने की अवस्था में करें। मिट्टी जांच और सही उर्वरक उपयोग से पैदावार बढ़ेगी, मिट्टी की सेहत बनी रहेगी।

देश भर में किसान बासमती धान की रोपाई पूरी कर चुके हैं और अब उनकी नजर अच्छी पैदावार पर है। लेकिन कई बार फसल में पोषक तत्वों की कमी के कारण पौधों की ग्रोथ रुक जाती है। खास तौर पर मैंगनीज की कमी होने पर पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं, उनमें हल्के धब्बे नजर आते हैं, और पत्तियों का रंग पीला-धूसर या लाल-धूसर हो जाता है। अगर शिराएं हरी रहती हैं, लेकिन पत्तियों का किनारा और मध्य भाग पीला दिखता है, तो यह मैंगनीज की कमी का स्पष्ट संकेत है।

मैंगनीज सल्फेट का सही उपयोग
किसानों को सलाह दी जाती है कि अगर फसल में ऐसे लक्षण दिखें, तो तुरंत मैंगनीज सल्फेट का छिड़काव करें। विशेषज्ञों के अनुसार, प्रति हेक्टेयर 20 किलोग्राम मैंगनीज सल्फेट का उपयोग किया जा सकता है। यह छिड़काव खास तौर पर तब करें, जब धान की फसल कल्ले बनाने की अवस्था में हो। इससे पौधों में कल्लों की संख्या तेजी से बढ़ती है, जिससे पैदावार में इजाफा होता है।
मिट्टी की जांच है जरूरी
अच्छी फसल के लिए मिट्टी का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। कई किसान अधिक पैदावार के लिए अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करते हैं, लेकिन इससे मिट्टी की उर्वरता कम हो सकती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि उर्वरक डालने से पहले मिट्टी की जांच करा लें। अगर जांच संभव न हो, तो पत्तियों के रंग और बनावट को देखकर पोषक तत्वों की कमी का अंदाजा लगाया जा सकता है। सही मात्रा में उर्वरक का उपयोग न केवल पैसे बचाता है, बल्कि मिट्टी को भी नुकसान से बचाता है।
सही समय पर सही कदम
बासमती धान की फसल को 100-110 दिनों में तैयार होने के लिए पर्याप्त पानी और पोषक तत्वों की जरूरत होती है। किसानों को सलाह है कि वे बिना जानकारी के किसी भी उर्वरक का इस्तेमाल न करें। मैंगनीज सल्फेट का घोल बनाकर सही समय पर छिड़काव करने से फसल की ग्रोथ बेहतर होती है और पैदावार बढ़ती है।
इस साल बासमती धान की फसल से अच्छी पैदावार की उम्मीद है। सही देखभाल और पोषक तत्वों की पूर्ति से किसान न केवल अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि मिट्टी की सेहत को भी लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं। तो, समय रहते अपनी फसल की जांच करें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों की सलाह लें।
About The Author

न्यूज़ लिखना इतना आसान भी नहीं है जितना उनको पढ़ना होता है। हर खबर की गहराई में जाकर एक निचोड़ निकलना और सटीकता के साथ आप तक पहुंचाने का काम पिछले 8 सालों से कर रहा हूँ। कृषि से स्नातक करने के बाद से ही कृषि विषय पर आर्टिकल लिखने शुरू किये थे लेकिन समय पंख लगाकर कब तेजी से निकला और कब 8 साल बीत गए इसका भान ही नहीं हुआ। आगे भी समय के साथ पंख लगाकार आके लिए ऐसे ही आर्टिकल लिखते रहेंगे।