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किसानों के लिए बड़ी खबर: ड्रोन से नैनो उर्वरक छिड़काव पर मिलेगा अनुदान, जाने डिटेल
किसानों को अपने खेतों में ड्रोन के जरिये नैनो उर्वरक के छिड़काव करवाने में अब ड्रोन दीदी और ड्रोन धारक मदद करने वाले है और इसके लिए किसानों को सरकार की तरफ से अनुदार भी मिलने वाला है। आइये जानते है इसकी सम्पूर्ण डिटेल की कैसे आप इसका लाभ ले सकते है।

खेती में रासायनिक उर्वरकों के बढ़ते इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता और पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए राजस्थान सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। अब किसानों को नैनो तकनीक आधारित नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके तहत ड्रोन से इन उर्वरकों का छिड़काव करने पर सरकार किसानों को आर्थिक मदद देगी। इसके अलावा इस कार्य में प्रदेश की ड्रोन दीदी और ड्रोन धारक किसानों की मदद करने वाले है। कैसे आइये आपको जानकारी देते है।
ड्रोन से छिड़काव और अनुदान की सुविधा
राजस्थान कृषि विभाग ने इस साल 1720 हेक्टेयर खेतों में नैनो यूरिया और इतने ही क्षेत्र में नैनो डीएपी के छिड़काव का लक्ष्य रखा है। संयुक्त निदेशक (कृषि) अतीश कुमार शर्मा ने बताया कि इस योजना का मकसद किसानों को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल खेती की ओर ले जाना है।

नैनो यूरिया की 500 मिलीलीटर की एक बोतल को पारंपरिक एक बैग यूरिया जितना प्रभावी माना गया है। बुवाई के 30 से 40 दिन बाद जब पौधों में पत्तियां अच्छी संख्या में हों तब 2.4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना सबसे अच्छा रहता है। वहीं नैनो डीएपी का उपयोग बीजोपचार के लिए 5.10 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज और खड़ी फसल में 2.4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के हिसाब से किया जा सकता है।
कितना मिलेगा अनुदान?
सरकार ने नैनो उर्वरकों के छिड़काव को बढ़ावा देने के लिए आकर्षक अनुदान योजना शुरू की है:
- नैनो यूरिया: छिड़काव पर 2000 रुपये का अनुदान, जिसमें 600 रुपये उर्वरक खरीद के लिए और 1400 रुपये ड्रोन छिड़काव के लिए मिलेंगे।
- नैनो डीएपी: छिड़काव पर 2500 रुपये का अनुदान, जिसमें 1500 रुपये खरीद और 1400 रुपये छिड़काव के लिए होंगे।
बाकी खर्च किसानों को खुद वहन करना होगा। यह अनुदान नमो ड्रोन दीदी योजना और कस्टम हायरिंग सेंटर के तहत ड्रोन से छिड़काव पर उपलब्ध होगा।
ड्रोन दीदी और ड्रोन धारक करेंगे मदद
किसानों की सुविधा के लिए कृषि विभाग ने पूरे जिले में ड्रोन दीदी और ड्रोन धारकों की नियुक्ति की है। इनमें चेचट में दुर्गेश कुमार कुशवाह, खजूरी सांगोद में राहुल शर्मा, मोरपा लाडपुरा में प्रवीण नागर, जाखमूंड कोटा में लीलाधर नागर, ढीपरी कालीसिंध में सत्येंद्र कुमार और सीमलिया कोटा में रिम्पी कुमारी शामिल हैं। इसके अलावा बाकि जिलों में भी ऐसी प्रकार से ड्रोन दीदी और ड्रोन धारक किसानों की मदद करने वाले है।
किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद ड्रोन के जरिए नैनो उर्वरकों का छिड़काव करवाया जा सकेगा।
पर्यावरण और मिट्टी के लिए वरदान साबित होगा
नैनो उर्वरकों का उपयोग न केवल मिट्टी की सेहत को बनाए रखता है बल्कि पर्यावरण को होने वाले नुकसान को भी कम करता है। यह तकनीक कम मात्रा में उर्वरक का उपयोग करके फसलों को बेहतर पोषण देती है। सरकार की इस पहल से न केवल किसानों की लागत कम होगी बल्कि खेती भी टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल होगी। सभी किसानों को सरकार की इस पहल के हिसाब से अपने खेतों में इस योजना का लाभ लेना चाहिए।
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भारत कृषि प्रधान देश है और किसान देश की आत्मा है। किसानों के लिए जब कुछ किया जाता है तो मन को सुकून मिलता है। टेक्सटाइल विषय से स्नातक करने के बाद अपने लिखने के शौख को आगे बढ़ाया और किसानों के लिए कलम उठाई। रोजाना किसानों से जुडी ख़बरें और बिज़नेस से जुडी ख़बरों को लिखकर आप तक पहुंचाने का सिलसिला आगे भी ऐसे ही जारी रहने वाला है।