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ट्रंप-पुतिन वार्ता के बाद दुनिया में हलचल, क्या रूस-यूक्रेन युद्ध थमेगा?
अलास्का में ट्रंप-पुतिन मुलाकात के बाद ट्रंप ने "रूस के मामले में बड़ी प्रगति" का दावा किया। यूक्रेन के लिए नाटो-शैली सुरक्षा गारंटी पर चर्चा, लेकिन कोई ठोस समझौता नहीं। ज़ेलेंस्की की वाशिंगटन यात्रा से शांति वार्ता को बल मिल सकता है।

अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक हाई-प्रोफाइल मुलाकात के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर एक रहस्यमयी पोस्ट साझा की, जिसमें "रूस के मामले में बड़ी प्रगति" का ज़िक्र किया गया। इस पोस्ट ने दुनियाभर में अटकलों को जन्म दे दिया है कि क्या यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
क्या है ट्रंप की पोस्ट का मतलब?
ट्रंप ने रविवार को लिखा, "रूस के मामले में बड़ी प्रगति, देखते रहिए।" हालांकि, उन्होंने कोई और जानकारी नहीं दी, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह यूक्रेन के लिए संभावित सुरक्षा गारंटी से जुड़ा हो सकता है। ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ ने हाल ही में खुलासा किया था कि पुतिन ने बातचीत में यूक्रेन को नाटो-शैली की सुरक्षा गारंटी देने के लिए खुलेपन का संकेत दिया है। विटकॉफ ने कहा, "यह पहली बार है जब पुतिन ने ऐसी व्यवस्था के लिए सहमति के संकेत दिए हैं।"

अलास्का में क्या हुई बात?
शनिवार को अलास्का में हुई ट्रंप और पुतिन की तीन घंटे की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन यूक्रेन में चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए कोई ठोस समझौता नहीं हो सका। यह बैठक फरवरी 2022 के बाद पहली बार थी, जब पुतिन को पश्चिमी धरती पर आने की अनुमति मिली। दोनों नेताओं ने कुछ बिंदुओं पर सहमति जताई, लेकिन युद्ध को रोकने में कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली।
यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी की बात
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सीबीएस के फेस द नेशन में कहा, "ट्रंप-पुतिन मुलाकात में यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की संभावनाएँ तलाशी गईं।" उन्होंने साफ किया कि अभी शांति समझौता आसान नहीं है, लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ एक और बैठक की ज़रूरत है। रुबियो ने चेतावनी भी दी कि अगर शांति नहीं हुई, तो रूस को और सख्त परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
ज़ेलेंस्की की वाशिंगटन यात्रा
सोमवार को ज़ेलेंस्की वाशिंगटन में ट्रंप से मिलने वाले हैं, जहाँ ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के नेता भी मौजूद होंगे। यूरोपीय नेता ज़ेलेंस्की का समर्थन करने और यूक्रेन के लिए मज़बूत सुरक्षा गारंटी सुनिश्चित करने पर ज़ोर दे रहे हैं। ज़ेलेंस्की ने ब्रुसेल्स में कहा, "शांति वार्ता मौजूदा अग्रिम पंक्ति से शुरू होनी चाहिए। युद्धविराम पहला ज़रूरी कदम है।"
क्या है प्रस्ताव?
सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप और पुतिन ने एक ऐसे प्रस्ताव पर चर्चा की, जिसमें रूस यूक्रेन के कुछ कब्जे वाले इलाकों को छोड़ सकता है, बदले में यूक्रेन पूर्वी हिस्सों में अपनी किलेबंदी छोड़ देगा। हालांकि, अभी यह प्रस्ताव शुरुआती चरण में है और इसे लागू करना आसान नहीं होगा।
चुनौतियाँ और भविष्य
रुबियो ने कूटनीति की सीमाओं को स्वीकार करते हुए कहा, "अगर युद्ध ऐसे ही चलता रहा, तो हज़ारों लोग मरते रहेंगे। हम इसे रोकना चाहते हैं, लेकिन सफलता की कोई गारंटी नहीं है।" यूरोपीय नेता भी इस बात पर सहमत हैं कि शांति के लिए वास्तविक और ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है।
जैसा कि ज़ेलेंस्की ने कहा, "हमें वाशिंगटन का साथ चाहिए।" आने वाले दिन इस बात का फैसला करेंगे कि क्या यह मुलाकात यूक्रेन में शांति की दिशा में कोई बड़ा बदलाव ला सकती है, या यह सिर्फ़ एक और कूटनीतिक प्रयास बनकर रह जाएगा।
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न्यूज़ लिखना इतना आसान भी नहीं है जितना उनको पढ़ना होता है। हर खबर की गहराई में जाकर एक निचोड़ निकलना और सटीकता के साथ आप तक पहुंचाने का काम पिछले 8 सालों से कर रहा हूँ। कृषि से स्नातक करने के बाद से ही कृषि विषय पर आर्टिकल लिखने शुरू किये थे लेकिन समय पंख लगाकर कब तेजी से निकला और कब 8 साल बीत गए इसका भान ही नहीं हुआ। आगे भी समय के साथ पंख लगाकार आके लिए ऐसे ही आर्टिकल लिखते रहेंगे।